कंप्यूटर वायरस एक नुकसानदायक सॉफ्टवेयर होता है जो कंप्यूटर सिस्टम में आक्रमण करता है और उसे नुकसान पहुंचाता है। इसे “मैलवेयर”, “ट्रोजन होर्स”, “वर्म” आदि नामों से भी जाना जाता है। वायरस इंटरनेट या अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से फैलाया जाता है जब उपयोगकर्ता अज्ञात स्रोत से फ़ाइल, ईमेल, डाउनलोड आदि डाउनलोड करता है।
कंप्यूटर वायरस कई प्रकार के होते हैं, जैसे कि फ़ाइल इन्फेक्टर वायरस, मैक्रो वायरस, बूट सेक्टर वायरस, बैकडोर वायरस, ट्रोजन हॉर्स आदि। फ़ाइल इन्फेक्टर वायरस सबसे आम हैं जो एक फ़ाइल में लिपटे होते हैं और जब उपयोगकर्ता उस फ़ाइल को चलाता है तो वायरस भी साथ में चल जाता है। मैक्रो वायरस ऑफिस सॉफ्टवेयर को आक्रमण करते हैं जो दस्तावेज़ के मैक्रो में छिपे होते हैं। बूट सेक्टर वायरस कंप्यूटर के बूट सेक्टर को आक्रमण करते हैं
वायरस को ढूंढने के लिए, आप अपडेट किए गए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकते हैं जो आपके कंप्यूटर को स्कैन करते हुए वायरसों और अन्य मलवेयर के लक्षणों को ढूंढते हैं। आप इसके अलावा अपने सिस्टम की सुरक्षा के लिए कुछ बुनियादी उपाय भी अपना सकते हैं आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से Computer Virus क्या है? इसके प्रकार, कार्य और लक्षण के बारे मे पूरी जानकारी देंगे।
कंप्यूटर वायरस क्या होता है (What is Computer Virus in Hindi)
कंप्यूटर वायरस एक छोटी सी प्रोग्राम होती है जो आपके कंप्यूटर में इन्स्टॉल होती है और आपके कंप्यूटर सिस्टम को नुकसान पहुंचाती है। यह वायरस आपके सिस्टम और फ़ाइलों को नष्ट करने में सक्षम होते हैं जो आपको नुकसान पहुंचाते हैं।
वायरस सामान्यतः ईमेल अटैचमेंट, डाउनलोड फ़ाइलें, प्रोग्राम्स या संज्ञानात्मक वेबसाइट्स के माध्यम से आपके सिस्टम में प्रवेश करते हैं। इन वायरस से बचने के लिए आपको Antivirus सॉफ्टवेयर का उपयोग करना चाहिए जो आपके सिस्टम को स्कैन करता है और वायरसों को हटाने में सक्षम होता है। आपको इसके अलावा अपने सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए सुरक्षा सॉफ्टवेयर का भी उपयोग करना चाहिए।
कंप्यूटर वायरस का इतिहास (History of Computer Virus in Hindi)
कंप्यूटर वायरस का इतिहास बहुत पुराना है। पहला कंप्यूटर वायरस 1971 में एक इंजीनियर ने बनाया था जो एक प्रोग्राम था जो कि कंप्यूटर की मेमोरी में घुस जाता था और उसे क्रैश कर देता था। यह वायरस “Creeper” के नाम से जाना जाता है।
इसके बाद 1983 में, फिलिप काथरिन नाम का एक अमेरिकी विज्ञानी, ने एक वायरस बनाया जो एक फ्लोपी डिस्क के माध्यम से फैलता था। यह वायरस आरंभिक रूप से “Elk Cloner” के नाम से जाना जाता था और इसका उपयोग एप्पल टर्मिनल मैशीन में किया जाता था।
1990 के दशक में, एक बहुत खतरनाक वायरस “Michelangelo” नाम से जाना जाने वाला उभयलिंगी वायरस बनाया गया था। इस वायरस ने अधिकतर अमेरिकी कंप्यूटरों को आक्रमण किया था। आजकल, वायरस से निपटने के लिए तकनीक बहुत आगे बढ़ गई है और सुरक्षा सॉफ्टवेयर कंपनियों ने नए तरीकों के उपयोग से वायरसों से बचने के लिए संभवतः सबसे सुरक्षित तरीकों को विकसित किया है।
कंप्यूटर वायरस के प्रकार (Type of Computer Virus in Hindi)
कंप्यूटर वायरस कई प्रकार के होते हैं। इनमें से कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:
- ट्रोजन: यह वायरस अन्य अनुप्रयोगों या सॉफ्टवेयर में छिपा होता है और इनको इंस्टॉल करने से आपके सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है।
- वर्म: यह वायरस अपने आप को कॉपी करता है और इन्टरनेट के माध्यम से अन्य सिस्टमों में भी फैल सकता है।
- रूटकिट: यह वायरस सिस्टम के रूट एक्सेस के माध्यम से आपके सिस्टम पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त करता है।
- स्पाइवर: यह वायरस इंटरनेट की जानकारी चुराने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका उपयोग आपके इंटरनेट संचार को मॉनिटर करने के लिए किया जाता है।
- रैंसमवेयर: यह वायरस आपके सिस्टम को हैक करता है और आपको आपकी फ़ाइलों के लिए रेंसम देने के लिए बोलता है।
- बैकडोअर: यह वायरस सिस्टम के बैकडोअर में अपने आप को छिपा लेता है और आपके सिस्टम के सभी डेटा और फाइलों को चुरा लेता है।
ये कुछ कंप्युटर वायरस है ।
1. ट्रोजन
ट्रोजन एक वायरस है जो अन्य अनुप्रयोगों या सॉफ्टवेयर में छिपा होता है। यह अपने आप को इंस्टॉल करने के लिए भेजा जाता है और उसे इंस्टॉल करने के बाद आपके सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है। ट्रोजन कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया गया होता है, जैसे कि आपके फ़ाइलों को हटा देना, निजी जानकारी को चुरा लेना, सिस्टम के रूट एक्सेस प्राप्त करना या अन्य कंप्यूटर वायरस को इंस्टॉल करने के लिए आपके सिस्टम में एक प्रवेश दरवाज़ा खोलना।
ट्रोजन संक्रमण के लिए अक्सर मेल अटैचमेंट, सोशल मीडिया, अनुरूप सॉफ्टवेयर, फ्री डाउनलोड आदि का उपयोग किया जाता है। इसलिए, ट्रोजन से बचने के लिए आपको अज्ञात स्रोतों से फ़ाइलों को नहीं डाउनलोड करना चाहिए और आपके सिस्टम के लिए अपडेट किए गए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करना चाहिए।
2. वर्म
वर्म एक प्रकार का कंप्यूटर वायरस है जो अपने आप को कॉपी करके अन्य सिस्टमों में फैलता है। यह अपने आप को इंटरनेट या नेटवर्क के जरिए भी फैला सकता है। इसका उद्देश्य एक सिस्टम से दूसरे सिस्टम में फैलते हुए कंप्यूटर सिस्टम के आवेदनों या डाटा को नुकसान पहुंचाना होता है।
वर्म सिस्टम में संचार करने वाले मेल अटैचमेंट्स, फाइल स्वरूपों, संचार सॉफ्टवेयरों, वेब साइटों आदि के जरिए फैलता है। इसलिए, इससे बचने के लिए आपको अज्ञात स्रोतों से फ़ाइलों को नहीं डाउनलोड करना चाहिए और अपडेट किए गए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करना चाहिए।
3. रूटकिट
रूटकिट एक अन्य प्रकार का कंप्यूटर वायरस होता है, जो किसी सिस्टम को हाइजैक करने की क्षमता रखता है और इसे दूसरों के लिए उपलब्ध कराता है। इसे उपयोगकर्ता की अनुमति के बिना इंटरनेट या नेटवर्क के जरिए अपने आप को संचालित करने की क्षमता होती है। रूटकिट एक खतरनाक वायरस होता है, क्योंकि यह उपयोगकर्ता के सिस्टम में सभी प्रकार के जानकारी को पहुंचने की क्षमता रखता है।
रूटकिट के जरिए, अतिरिक्त संचार प्रोटोकॉल को जोड़कर, कंप्यूटर सिस्टम में लेखाकर्षण या नियंत्रण करने के लिए किसी भी दूसरे नुकसानदायक सॉफ्टवेयर को स्थापित कर सकते हैं। इसका उपयोग निजी और सरकारी जासूसी और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए भी किया जाता है। इसलिए, अपने सिस्टम को रूटकिट से बचाने के लिए, आपको समय-समय पर अद्यतन एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करना चाहिए और संबंधित सुरक्षा सुविधाओं को सक्षम करना चाहिए।
4. स्पाइवर
स्पाइवर एक अन्य प्रकार का कंप्यूटर वायरस होता है जो इंटरनेट पर सेवा करने वाले कंप्यूटरों से संबंधित जानकारी को चुराने या चोरी करने के लिए बनाया जाता है। स्पाइवर कंप्यूटर या इंटरनेट प्रयोगकर्ता के गतिविधियों को निगरानी करता है और उन्हें ट्रैक करता है। यह उपयोगकर्ता की जानकारी, आँकड़े, वेब साइटों के इतिहास और अन्य जानकारी को चुरा सकता है और उसे किसी अन्य व्यक्ति या संगठन को भेज सकता है। स्पाइवर से बचने के लिए, आपको इंटरनेट पर जाने से पहले एक अच्छा एंटी-स्पाइवर सॉफ्टवेयर का उपयोग करना चाहिए जो वायरसों को आपके सिस्टम में बचाता है।
5. रैंसमवेयर
रैंसमवेयर (Ransomware) एक खतरनाक कंप्यूटर वायरस है जो आपके कंप्यूटर या नेटवर्क में उपस्थित सभी फ़ाइलों को एक पासवर्ड या एन्क्रिप्शन कुंजी के बिना अनुपलब्ध करा देता है। इसके बाद, वायरस तोड़फोड़ मैसेज दिखाकर विकलांग उपभोक्ताओं से रिलीज के लिए पैसे मांगते हैं।
रैंसमवेयर साधारणतः फिशिंग ईमेल अटैचमेंट या अज्ञात वेबसाइटों से वितरित होता है। इस तरह के वायरस से बचने के लिए, आपको अपने कंप्यूटर में एक अच्छा एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना चाहिए और अपने सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट करना चाहिए।
6. बैकडोअर
बैकडोअर (Backdoor) एक तरह का कंप्यूटर वायरस है जो एक सिस्टम के सुरक्षा में कमी के द्वारा उस सिस्टम के उपयोगकर्ताओं को लूटने या नुकसान पहुँचाने के लिए एक सीमाहीन एक्सेस पॉइंट प्रदान करता है। यह उपयोगकर्ताओं के जानकारी, संदेश और अन्य सामग्री को चुराने या नुकसान पहुंचाने के लिए हो सकता है।
कंप्यूटर में वायरस कैसे आता है?
कंप्यूटर में वायरस बहुत से तरीकों से आ सकते हैं। कुछ सामान्य तरीकों में शामिल हैं:
- फ़ाइल डाउनलोड करना: कई बार लोग अपने कंप्यूटर में वायरस डाउनलोड कर लेते हैं, जो अनधिकृत फ़ाइल से संबंधित होते हैं। ऐसे फ़ाइल डाउनलोड करने से वायरस आपके सिस्टम में प्रवेश कर सकते हैं।
- अनुचित ईमेल अनुलग्नक: कुछ वायरस एक मेल अनुलग्नक के रूप में छिप सकते हैं, जिसे आप खोलते ही वायरस आपके सिस्टम में प्रवेश कर जाता है।
- संयुक्त यूआरएल (URLs) के माध्यम से: अब कई वायरस वेबसाइट्स के माध्यम से भी फैलाए जाते हैं। आप एक संयुक्त यूआरएल के माध्यम से अनधिकृत वेबसाइट पर पहुंचते हैं, जहां से वायरस आपके सिस्टम में एंट्री करते हैं।
- अनुचित नेटवर्क: एक अनुचित नेटवर्क के माध्यम से वायरस आपके सिस्टम में प्रवेश कर सकते हैं।
- सॉफ़्टवेयर गढ़ना: कुछ अनापत्ति युक्त सॉफ़्टवेयर डेवलपर द्वारा तैयार किए गए भाप वायरस के रूप में प्रयोग किए जाते हैं। जब आप इन्हें डाउनलोड और स्थापित करते हैं, तो वे आपके सिस्टम में वायरस के रूप में निकलते हैं।
ये कुछ सामान्य तरीके हैं जिनसे वायरस आपके कंप्यूटर में प्रवेश कर सकते हैं।
कंप्यूटर वायरस के प्रभाव या लक्षण
कंप्यूटर वायरस के प्रभाव या लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- सिस्टम को स्लो बनाना: वायरस आपके कंप्यूटर के सिस्टम को स्लो बना सकता है और आपके कंप्यूटर के सिस्टम प्रदर्शन को कम कर सकता है।
- सिस्टम फ़ाइल को नुकसान पहुंचाना: वायरस सिस्टम फ़ाइल को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे आपके कंप्यूटर की सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
- अनचाहे पॉप-अप: आपके कंप्यूटर में अनचाहे पॉप-अप विज्ञापन आ सकते हैं, जिनमें संदेश, विज्ञापन या फिर स्पैम शामिल हो सकते हैं।
- सेवाएं अनुपलब्ध होना: कुछ वायरस आपके कंप्यूटर की सेवाओं को अनुपलब्ध करा सकते हैं, जैसे कि इंटरनेट या फ़ाइल साझा करना।
- डेटा होने का खतरा: वायरस आपके कंप्यूटर से आपके निजी डेटा जैसे कि पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड जानकारी, बैंकिंग जानकारी आदि को हटा सकता है या चुरा सकता है।
- कंप्यूटर क्रैश: वायरस आपके कंप्यूटर को क्रैश कर सकता है।
दुनिया के सबसे खतरनाक कम्प्यूटर वायरस की लिस्ट?
कंप्यूटर वायरस में एक क्रमशः बढ़ते दुष्प्रभाव विकसित होते रहते हैं, जो निम्नलिखित हैं:
- नोटपड (NotPetya) – इस वायरस ने 2017 में पूरे विश्व में अपना कहर बिखेर दिया था। इस वायरस ने कंप्यूटरों को अधिकतर रूप से उत्तर भारतीय कंपनियों और सरकारी निकायों पर हमला किया था।
- कनफिकर (Conficker) – यह वायरस 2008 में उत्पन्न हुआ था और कंप्यूटर नेटवर्क के साथ जुड़े कंप्यूटरों को हमला करने के लिए बनाया गया था। इस वायरस के अंतिम संस्करण को 2010 में रिलीज किया गया था।
- वेनूस (WannaCry) – यह वायरस 2017 में विश्व भर में फैला था और अधिकतर भारतीय वित्तीय संस्थाओं और अस्पतालों पर हमला किया था। इस वायरस ने कंप्यूटरों के सिस्टम को रंगबिरंग बना दिया था।
- एल्बोट (Albot) – यह वायरस कंप्यूटर नेटवर्क के साथ जुड़े कंप्यूटरों को हमला करने के लिए बनाया गया था और वर्ष 2004 में रिलीज किया गया था।
- Code Red – यह वायरस 2001 में आया था और इंटरनेट सर्वरों को निश्चित अवधि के बाद ध्वस्त करने के लिए बनाया गया था।
- Nimda – यह वायरस 2001 में आया था और इंटरनेट ट्रैफिक को बढ़ाने और यह सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन किया गया था कि इसे किसी भी तरह से फैला जा सके।
- Mydoom – यह वायरस 2004 में आया था और इंटरनेट यूज़र के नाम पर ईमेल संदेश भेजने के जरिए फैलता था। इस वायरस के बारे में कहा जाता है कि यह इतिहास का सबसे व्यापक फैलने वाला वायरस है।
कंप्यूटर से वायरस कैसे हटायें?
कंप्यूटर से वायरस हटाने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करना चाहिए:
- एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें: यह सबसे सुरक्षित तरीका है कि आप अपने कंप्यूटर को वायरस से बचाएँ। एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को अपने कंप्यूटर पर इंस्टॉल करें और इसे नियमित रूप से अपडेट करें।
- सुरक्षित वेबसाइट से सॉफ्टवेयर डाउनलोड करें: सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने से पहले इसके प्रमाणित स्रोतों का पता लगाएं। वेबसाइटों का चयन करते समय, सुनिश्चित करें कि आप सुरक्षित वेबसाइटों से सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर रहे हैं।
- फाइलों को स्कैन करें: नए फ़ाइलों और ईमेल अटैचमेंट को एंटीवायरस सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्कैन करें। आपके कंप्यूटर में डाउनलोड की गई किसी भी फ़ाइल को स्कैन करना चाहिए।
- अपने ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करें: अपने कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम को नियमित रूप से अपडेट करने का प्रयास करें।
Antivirus के नाम
कुछ प्रसिद्ध एंटीवायरस के नाम हैं:
- Norton
- McAfee
- Avast
- Kaspersky
- Bitdefender
- AVG
- ESET
- Trend Micro
- Sophos
- Malwarebytes
ये सभी एंटीवायरस कंपनियां वायरसों को खोजने और हटाने के लिए उनके उपयोगकर्ताओं को बेहतर सुरक्षा प्रदान करती हैं।
Conclusion
उम्मीद करते हैं आपको इस लेख को पढने के बाद समझ में आ गया होगा कि Computer Virus Kya Hai और यह कितने प्रकार का होता है। अगर आपको यह लेख पसंद आया तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें।