इंटरनेट एक व्यवस्थित नेटवर्क है जो हमारी दुनिया में जुड़ाव बढ़ाता है। यह हमें बहुत सी जानकारी, सेवाएं और संचार विकल्प प्रदान करता है। इंटरनेट संचार के अनुभव को सुगम बनाने के लिए नेट न्यूट्रैलिटी नामक एक सिद्धांत होता है।
यह सिद्धांत सुनिश्चित करता है कि इंटरनेट सेवा प्रदाता एक सामान्य रूप से उपयोगकर्ताओं को उचित और समान रूप से सेवा प्रदान करता है और किसी विशिष्ट वेबसाइट या सेवा के लिए अतिरिक्त शुल्क नहीं लेता है। इस तरीके से, इंटरनेट स्वतंत्र होता है और सभी उपयोगकर्ताओं को उसके समान फायदे होते हैं।
Net Neutrality क्या है?
Net Neutrality एक इंटरनेट नीति है जिसे स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह एक सिद्धांत है जो इंटरनेट प्रदाताओं के बीच संचार की स्वतंत्रता एवं समान उपयोग को सुनिश्चित करता है। अर्थात, इंटरनेट पर सभी डेटा समान रूप से पहुंच के लिए उपलब्ध होना चाहिए। इसका मतलब है कि इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को किसी भी वेबसाइट, एप्लिकेशन, या सेवा को रखने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
अन्य शब्दों में, इंटरनेट सेवा प्रदाता किसी भी इंटरनेट ट्रैफिक को प्रतिबंधित नहीं कर सकता है या उसे विशेष ध्यान नहीं दे सकता है। इसे नेट न्यूट्रैलिटी के रूप में जाना जाता है।
नेट न्यूट्रैलिटी के बिना, इंटरनेट सेवा प्रदाता निश्चित सेवाओं या वेबसाइटों को फ़ास्ट लेने के लिए अधिक शुल्क ले सकता है या कम स्पीड के लिए ज्यादा शुल्क ले सकता है। सबसे पहले अगर बात करें नेट न्यूट्रैलिटी किट ओह इसमें 2 चीज आती है। इसमें जो फले टर्म यह है कि अगर आपने एक बार इंटरनेट का पैसा दिया है तो आप जिस तरह से चाहें आप इंटरनेट को इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन कुछ जगह पर कुछ साइट्स बंद है इनका इस्तेमाल नहीं किया जा स्कता है।
नेट Neutrality क्यों महत्वपूर्ण है?
नेट महत्वपूर्ण क्यों हैं इसके बारे में जानकारी रखना बहुत जरूरी है। क्योकी एक इंटरनेट यूजर के लिए इसका बहुत महत्व है।
- इसका सबसे बड़ा फायदा है कि जब भी हम ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग करते हैं तो नेट न्यूट्रैलिटी की वजह से हमें यह मुफ्त देखने को मिल पता है और बड़े आराम से अपने पसंदीदा फिल्में ऑनलाइन मोबाइल पर देखते हैं । अगर इंटरनेट तटस्थता ना रहे तो हमें या फ्री में नहीं मिलेगा।
- हम सभी अभी तक किसी भी मैसेजिंग एप्लिकेशन जैसे कि व्हाट्सएप पर मुफ्त वीडियो कॉल कर लेते हैं।
- नेट न्यूट्रैलिटी के बिना, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के पास उन उपयोगकर्ताओं को अधिक धन का भुगतान करने के लिए प्रेरित करने का अधिकार होता है।
दूसरे शब्दों में अगर आपने अपने (ISP) को पैसा दिया है तो आपको इंटरनेट इस्तेमाल करने में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए। और जो दूसरा टर्म है नेट न्यूट्रैलिटी से संबंधित वो है कि अगर आप कोई 2 वेबसाइट यूज कर रहे हैं तो आपकी आईएसपी आपको दोनो वेबसाइट बराबर स्पीड मुहैया कराएंगे। आपके साथ कभी ऐसा नहीं होगा कि आपका आईएसपी किसी एक साइट को स्लो कर दे और किसी दूसरी साइट को फास्ट कर दे।
मतलाब इसे साफ पता चलता है कि जो नेट है वो न्यूट्रल है। यानी इसमें को पूर्वाग्रह नहीं है। सबके लिए बराबर है। तो ये जो नेट न्यूट्रैलिटी का विषय है ये सभी आईएसपी को फॉलो करना पडेगा। और लगभग सभी देशो में यह नियम भी हो गया है।
Net neutrality in India
भारत सरकार ने 2018 में, बिना किसी को बताए एक ऐसे नियमन लागू कर दिया जो नेट न्यूट्रलिटी सपोर्ट करता था और “दुनिया का सबसे मजबूत” नेट न्यूट्रलिटी नियम का नाम दिया था। बहुत से आईएसपी के इसके खिलाफ और उन्हें हटाने के लिए ट्राई से मांग भी की थी।
ट्राई ने इसके लिए नेट न्यूट्रलिटी वोट के मध्यम से इंटरनेट यूजर्स का फीडबैक लिए कि कौन इसको सपोर्ट करता है और कौन नहीं, बहुत सारे लोगो को इसके बारे में जानकारी नहीं है, इसे श्याद अनहोने इस्क अगेंस्ट फीडबैक दे दिया था और इसके वजय आईपीएस .
लेकिन फिर भी इंडिया में यह बना रहा और आज इसी की वजह से जो बहुत से वेबसाइट्स से फ्री वीडियो देख सकते हैं और वीडियो कॉल बिल्कुल फ्री कर सकते हैं। हमें अतिरिक्त काम के लिए चार्ज नहीं देना होगा।
निष्कर्ष
उम्मीद है आप सभी को समझ में आ गया होगा कि नेट न्यूट्रैलिटी क्या है? और इसका क्या महत्व है? इसके साथ हमने जानकरी हासिल की फ्री बेसिक्स क्या है? और साथ ये भी पता चल गया होगा कि नेट न्यूट्रैलिटी का इंडिया में क्या हाल है और कौन से कंपनी इसे पसंद नहीं करती है। अगर आपको नेट न्यूट्रैलिटी को लेकर कोई स्वाल या सुझाव है तो आप कमेंट जरूर करें।