क्या अपने कभी सोचा आपके कंप्यूटर में इनस्टॉल एंटीवायरस कैसे काम करता है?. कैसे एंटीवायरस पता लगा लेता है वायरस को?. अगर आप एंटीवायरस के बारे में इस साडी जानकरी हासिल करना चाहते है.
तोह आप सही जगह है क्योकि आज आपको एंटीवायरस के बारे में कुछ ऐसे अनसुनी बाते बताऊंगा. जो आपके कंप्यूटर और स्मार्टफोन के लिए बहुत हेल्पफुल होंगे & एंटीवायरस के बारे में भी जानकारी दूंगा. लेकिन सबसे पहले आपको वायरस के बारे में बताऊंगा. तभी आपको समझ में आ जायेगा हमे एंटीवायरस की जरुरत क्यों हुआ.
Computer Virus क्या होते है?
वायरस बसीकली एक अनवांटेड कोड होता है. जो आपके कंप्यूटर और स्मार्टफोन के डाटा को हार्मफुल कर देता है & वायरस आपके लैपटॉप या फ़ोन डाटा भी चुरा लेता है. जिसे कंप्यूटर साइंस की दुनिया में हैकिंग कहते है.
दुनिया का सबसे पहला नोन वायरस था क्रीपर वायरस जिसे 1971 में टेनिस ऑपरेटिंग सिस्टम में देखा गया था. क्रीपर वायरस को रिमूव करने के लिए सबसे पहले एंटीवायरस वर्ड का उसे किया गया. सबसे पहला एंटीवायरस था रीपर एंटीवायरस. जो की अपने आप में कुढ़ एक वायरस था. इस एंटीवायरस ने क्रीपर वायरस को रिमूव कर दिया.
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क्रीपर के बाद बहुत से वायरस कंप्यूटर में आ गए. जिसमे से कुछ पॉपुलर वायरस के नाम बता देता हु.
- ILOVEYOU Virus
- Code Red Virus
- Melissa Virus
- Sasser Virus
- Zeus Virus
- Conficker Virus
- Stuxnet Virus
- Mydoom Virus
- CryptoLocker Virus
- Flashback Virus
- Ransomware
- Adware
- Spyware
- Malware
- Worm
- Spam
Antivirus क्या होता है और कैसे काम करता है?
दोस्तों जिस तरह मूवी में विलन के लिए हीरो होता है. उसी तारा कंप्यूटर साइंस की दुनिया में वायरस के लिए एंटीवायरस होता है. एंटीवायरस भी वायरस के तरह एक प्रोग्राम कोड होते है. जो वायरस या मैलवेयर के कोड को डेफुंसे या रिमूव कर देता है.
कंप्यूटर या स्मार्टफोन एंटीवायरस हमेशा 2 फेज में काम करता है.
- Scanning Phase ( Virus Detection Phase)
- Action Phase ( Virus Removing Phase)
Virus Detection Phase:
जब भी आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल पर एंटीवायरस रन करते है. तो एंटीवायरस सबसे पहले आपके कंप्यूटर के सभी फाइल को स्कैन करके. उसमे वायरस को निकलता है. वायरस को स्कैन करने के लिए एंटीवायरस 5 तरीको का उसे करते है.
- Signature-Based Virus Detection
- Heuristic-based Virus Detection
- Behavioral Based Virus Detection
- Sand Box Virus Detection
- Data Mining Technique Virus Detection
#1 Signature Based Virus Detection
अगर आपके कंप्यूटर में कोई सिंपल सा वायरस है या कोई अनवांटेड फाइल है. तो इस तरह के वायरस को स्कैन करने के लिए. सिग्नेचर-बेस्ड वायरस डिटेक्शन का उसे किया जाता है. यह वायरस डिटेक्शन का सबसे कॉमन स्कैनिंग तकनीक है.
Exp- जब भी आप अपने एंटीवायरस से क्विक स्कैन मोड में स्कैन करते है. तो उसमे सिग्नेचर बेस्ड स्कैनिंग ट्रिक्स का उसे होता है.
#2 Heuristic based Virus Detection
इस एंटीवायरस स्कैनिंग ट्रिक का उसे ट्रोजन जैसे वायरस को स्कैन करने के लिए होता है. अगर आपको इस ट्रिक के बारे में डिटेल्स में जानकरी चाहिए तो आप विकिपीडिया से हासिल कर सकते है.
#3 Behavioral Based Virus Detection
अगर आपके सिस्टम में कोई मैलवेयर है. अस वेल अस वो मैलवेयर आपके सिस्टम में कर्रेंटली रनिंग फेज में है. तोह उस तरह के मैलवेयर को डिटेक्ट करने के लिए. बिहेवियरल वायरस डिटेक्शन ट्रिक का उसे एंटीवायरस करता है.
#4 Sand Box Virus Detection
कुछ ऐसे एंटीवायरस आते है. जो आपको वायरस के बारे में पहले से जानकी दे देते है. इस तरह के एंटीवायरस सैंड बॉक्स स्कैनिंग का उसे करते है.
Example- अगर आपके कंप्यूटर में विंडोज डिफेंडर अपडेट है. तो जब आप इंटरनेट से कोई भी वायरस फाइल को अपने सिस्टम में इनस्टॉल करते है. तो विंडोज डिफेंडर आपको उसके बारे में पहले से जानकरी दे देता है.
#5 Data Mining Technique Virus Detection
डाटा माइनिंग वायरस स्कैनिंग ट्रिक सबसे लेटेस्ट वायरस स्कैनिंग मेथड है. अगर आपके कंप्यूटर में डाटा माइनिंग तकनीक वाला एंटीवायरस इन्सटाल्ड है. तोह समझ लीजिये आपके कंप्यूटर में कोई भी वायरस नहीं रह सकता है. क्योकि डाटा माइनिंग स्कैनिंग में आपके कम्प्यूटर के फाइल्स का एक-एक वर्ड स्कैन होता है.
Best Antivirus Software & Apps
दोस्तों अगर आप अपने कंप्यूटर में लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का उसे करता है. तो आपको किसी एंटीवायरस का जरुरत नहीं होता है. क्योकि अभी तक लिनक्स ओस के लिए कोई वायरस नहीं बना है. लिनक्स के बारे में मई आपको एक और इंटरेस्टिंग बात बताता हु.
अगर आपके पास कोई ऐसे Pendrive, SD कार्ड & हार्ड डिस्क है. जिसमे बहुत से वायरस है. तो आप उससे लिनक्स ओस वाले कंप्यूटर में ओपन कर दीजिये. आपके Pendrive, SD कार्ड & हार्ड डिस्क के सारे वायरस रिमूव हो जायेंगे.
अगर आप अपने कंप्यूटर लैपटॉप में विंडोज ओस उसे कर रहे है. तो आपके सिस्टम के लिए एंटीवायरस बहुत जरूर है. क्योकि अगर आपके विंडोज सिस्टम में एंटीवायरस नहीं रहा. तो इसमें इतने वायरस आ जाते है. जो आपके कंप्यूटर के परफॉरमेंस स्लो कर सकते है. हार्ड डिस्क Corrupt कर सकते है. विंडोज करशेड हो सकता है.
Best Antivirus for Windows
अगर आप अपने सिस्टम में इंटरनेट का उसे करते है. तोह विंडोज के लिए सबसे एंटीवायरस है. विंडोज डिफेंडर अगर आपके कंप्यूटर में विंडोज डिफेंडर अपडेटेड है और है. तोह आपके कंप्यूटर में कोई वायरस अन्तर नहीं कर सकता है.
अगर आप कही ऐसे जगह रहते है. जहा पर इंटरनेट का प्रॉब्लम है तो आप हमेशा अपने सिस्टम में Purchase लाइसेंस एंटीवायरस का उसे करे. क्योकि अगर आप कोई भी एंटीवायरस बिना लाइसेंस का उसे करते है. तो वो एंटीवायरस केवल आपको देखता है.
आपके सिस्टम को स्कैन कर रहा हु और उसके वायरस रिमूव कर रहा हु. असल में विथाउट लाइसेंस वाला एंटीवायरस आपके कंप्यूटर से वायरस रिमूव नहीं करता बलि की और वायरस डाल देता है.
For Example- Quick Heal, Kaspersky, Avast, Avira etc.
Windows me Without License Antivirus Use karne se hone wale Problem:
- Hard Disk Corrupt ho jana
- Windows Crashed ho jana
- Laptop ka bar-bar Hang karna
- Slow Processing Speed ho jana
- Hardware Problem aana
- Software ka Properly kam na karna.
#Android Phone Ke Liye Best Antivirus :
फ्रेंड्स बसीकली एंड्राइड फ़ोन के लिए कोई एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का जरुरत नहीं है. क्योकि एंड्राइड ओस का कर्नेल लिनक्स के कर्नेल जैसा है. इसलिए एंड्राइड फ़ोन को को वायरस इफ़ेक्ट नहीं कर सकते है.
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अगर आप एंड्राइड फ़ोन में अप्प डाउनलोड करने के लिए केवल गूगल प्ले स्टोर का उसे करे. तोह आपके फ़ोन में कभी कोई वायरस आ ही नहीं सकता है. बूत बहुत से ऐसे लोग है जो कही से भी अप्प इनस्टॉल कर लेते है. जिसके वजह से उनके फ़ोन में प्रॉब्लम आने लगती है.
Android Phone Antivirus Use karne se hone wala Problem:
- Phone Hang karna
- Performance Slow ho jana
- SD Card Corrupt ho jana
- Phone ka bar-bar Shutdown ho jana
Conclusion:
दोस्तों अब आपको इस पोस्ट से समझ में आ गया होगा. की एंटीवायरस कैसे काम करता है. और हमे एंटीवायरस का उसे क्यों करना पड़ता है. अस वेल अस हमे कौन-कुआँ से ओस के लिए एंटीवायरस उसे करना पड़ता है. इसके साथ एक बात हमेशा याद रखना. कंप्यूटर में जब भी विंडोज डिफेंडर के अलावा कोई भी एंटीवायरस का उसे करे. तोह वह एंटीवायरस लाइसेंस वाला होना चाहिए.
उम्मीद है ये पोस्ट आपको पसंद आया होगा और आपके लिए हेल्पफुल रहा होगा | अगर आपके पास इस पोस्ट के बारे में कोई भी विचार या सुझाव है तो आप हमे कमेंट जरुर करे |
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