एन्क्रिप्शन (Encryption) एक सुरक्षा तकनीक है जो डेटा को एक ऐसी तरह से बदलती है, जिससे कि वह केवल उन लोगों द्वारा पढ़ा जा सके जिन्हें इसका अधिकार होता है। इससे डेटा की सुरक्षा बढ़ती है जो अनधिकृत उपयोग से बचाने में मदद करती है।
Public Key Encryption एक प्रकार का एन्क्रिप्शन है जिसमें दो अलग-अलग कुंजी या क्रिप्टोग्राफिक कुंजी का उपयोग किया जाता है। एक कुंजी पब्लिक होती है, जो डेटा को एन्क्रिप्ट करने और उसे डीक्रिप्ट करने के लिए उपयोग किया जाता है। दूसरी कुंजी प्राइवेट होती है और सिर्फ डीक्रिप्ट करने के लिए उपयोग की जाती है।
इस तकनीक का उपयोग वेबसाइटों और इमेल के संदेशों को सुरक्षित करने, बैंकिंग और ऑनलाइन भुगतान की सुरक्षा बढ़ाने, डिजिटल स्थापत्य नाम (Digital Certificates) को सत्यापित करने, और विभिन्न अन्य सुरक्षा उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
तो एनक्रिप्शन का सिंपल सा मतलब यह है कि – जब भी आप किसी को कोई जानकारी, मैसेज भेजते हैं तो वही मैसेज रिसीवर तक पहुंचने से पहले कोई पढ़ ना सके। यही एन्क्रिप्शन होती है। दूसरे शब्दों में कहे तो एन्क्रिप्शन का मतलब यह है कि आप जो कुछ भी मैसेज या जानकारी जिसे दिखाना चाहते हैं उसी को ही दिखाते हैं।
उदाहरण के लिए: सरल ए, बी, सी, डी को किसी के पास भेजना है। और मैंने ए को बी, बी को सी, सी को डी मान के संदेश भेज दिया। और जिसको सेंड किया उसे बताया दिया की मैंने फले वाली वैल्यू चेंज कर दी है। तो अगर कोई बीच में भी इस मैसेज को देखता है तो हमें समझ नहीं आएगा। इस तरह से यह एक छोटा सा उदाहरण है एन्क्रिप्शन का।
जैसे मुझे लिखना है टेकयुक्ति = UFDIZVLUJ । और इस्स कन्वर्टेड वर्ड को पढ़ने के लिए हमें क्या करना होगा? हमें यह करना होगा की इस्स वर्ड के जो भी अल्फाबेट है उसके एक पीछे वाला अल्फाबेट जैसे। यह एक सरल सा एन्क्रिप्शन का उदाहरण है। जो पहले के जमाने में सीक्रेट मैसेज भेजने के लिए इस्तेमाल होती थी। लेकिन कंप्यूटर की दुनिया में थोड़ा सी एनक्रिप्शन कॉम्प्लेक्स होता है।
Public Key Encryption क्या है?
दोस्तो पब्लिक-की एन्क्रिप्शन, एन्क्रिप्शन का ही एक प्रकार है। और लगभाग यूज होने वाले एनक्रिप्शन में आईएसएस पब्लिक की एनक्रिप्शन का यूज होता है। ईमेल, संदेश, चैट, Whatsapp यह सब आधारित होते हैं सार्वजनिक कुंजी एन्क्रिप्शन पर।
पब्लिक की एनक्रिप्शन को आगर सरल भाषा में समझना है तो मान लीजिए आप एक यूजर है और आपके पास में ही एक दूसरा यूजर है। तो आप दोनो के बीच में कम्यूनिकेशन करने के लिए दोनो के पास में एक – एक की होती है। आपके पास में की होती है उसे बोलते हैं “प्राइवेट की” जो सिर्फ आपके पास ही रहती है। और दूसरी कुंजी होती है उसे पब्लिक की कहते हैं जो सभी के पास होती है। यानि की आपके दोस्त के पास भी।
मान लिजिए आपको एक संदेश भेजना है आपके दोस्त को “हैलो”। फिर इस्स हैलो को आपके दोस्त वाले पब्लिक की (आईडी) से लॉक कर दिया। अब ये मैसेज आपको फ्रेंड को तभी शो करेगा जब वो अपनी प्राइवेट की यूज करेगा। इसके अलावा बीच में कोई इस संदेश को नहीं पढ़ सकता।
उदाहरण के लिए: अगर आपको आपके दोस्त को ईमेल भेजना है तो आपको पहले उसका पब्लिक की (आईडी) पता होना चाहिए।
इसी तरह से जहां पर डेटा स्टोर किया जाता है वो भी एन्क्रिप्शन के कॉन्सेप्ट पर ही काम करता है। जैसे अगर आपने गूगल ड्राइव पर कोई फोटो सेव किया है तो यह फोटो आपके फोटो के फॉर्म में स्टोर नहीं होता है। यह एन्क्रिप्टेड फॉर्म में होता है जो सिर्फ और सिर्फ आपको ही दिखाएगा।